Chandrayaan-3: चंद्रयान के 14 दिनों का पूरा कार्यक्रम जानें: रोवर प्रज्ञान

Chandrayaan-3: चंद्रयान के 14 दिनों का पूरा कार्यक्रम जानें: रोवर प्रज्ञान
रोवर प्रज्ञान का वजन 26 किलोग्राम है, इसरो ने बताया है। यह एक रोबोट वाहन है जिसका छह पहिया चंद्र सतह की खोज करेंगे। यह एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड की गति से चंद्र सतह पर चलेगा।
चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की है। Vijay ने सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करके अपनी जिम्मेदारी निभाई है। वहीं, रोवर प्रज्ञान ने भी लैंडर छोड़ दिया है। इसरो ने कहा कि प्रज्ञान और विक्रम में पांच वैज्ञानिक पेलोड लगे हैं। इसी जगह प्रज्ञान शुरू होता है। उसने चांद की पहली तस्वीर ली है और अब अपने मिशन पर है। अब अगले चौबीस दिनों तक चंद्रमा की सतह का अध्ययन करेंगे और पांचों पेलोड अंतरिक्ष एजेंसी को महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
तीन पेलोड विक्रम लैंडर में देखे गए हैं: रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर (रंभा), चंद्रा सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरीमेंट (चेस्ट) और इंस्ट्रमेंट फॉर लूनर सेस्मिक एक्टिविटी (ILSA)। तीनों अलग-अलग हैं।
रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर (रंभा)—यह लैंगमुइर प्रोब पेलोड है, जो सतह पर मौजूद प्लाज्मा (आयन और इलेक्ट्रॉन) के घनेपन और बदलाव का पता लगाएगा। चांद की मिट्टी सूर्य की किरणों से जल गई है, इसलिए प्लाज्मा का अध्ययन होगा
चंद्रा सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरीमेंट (चेस्ट)—यह चांद की सतह का तापमान मापेगा।
इंस्ट्रमेंट फॉर लूनर सेस्मिक एक्टिविटी (आईएलएसए)—यह चांद की खनिज संरचना को समझने के लिए लैंडिंग साइट के आसपास भूंकप की गतिविधि को मापने के लिए सतह का चित्रण करेगा।
रोवर भी दो पेलोड रखता है। उनमें अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर (APS) और लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडुन स्पेक्टोस्कोप (LIBS) शामिल हैं।
अल्फा पार्टिकल एक्सरे स्पेक्ट्रोमीटर (AXS)—यह चांद की सतह पर मिट्टी और चट्टानों (जैसे मैग्ननीशियम, आयरन, सिलिकॉन, एलिमुनियम और पोटेशियम) की संरचना के बारे में जानकारी देगा।
लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडुन स्पेक्टोस्कोप (LIBS)—यह चांद पर मौजूद तत्वों को देखेगा। खनिज और रासायनिक संरचनाओं को भी प्राप्त करेगा और उनकी पहचान करेगा।
26 किलोग्राम का है रोवर
इसरो के अनुसार रोवर प्रज्ञान का वजन 26 किलोग्राम है। यह एक रोबोट वाहन है जिसका छह पहिया चंद्र सतह की खोज करेंगे। यह एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड की गति से चंद्र सतह पर चलेगा। अशोक स्तंभ की छाप इसके पहियों पर है। अशोक स्तंभ की छाप चांद की सतह पर हर बार छपती जाएगी।
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